Saturday, July 28, 2018

शादी करने से पहले खुद से पुछीये यह तिन सवाल - बराक ओबामा

शादी करने से पहले खुद से पुछीये यह तिन सवाल- बराक ओबामा

Sk Hajee

शादी करनी है तो खुद से पुछीये यह तिन सवाल- ओबामा 

बराक ओबामा अगर इनका नाम आ जाये तो सभी लोग इन्हे पुरे ध्यान दे कर सुनेंगे , इसमे कोई दो राय नही है । आपको बताते चले की , ओबामा के तत्कालीन मुख्य सलाहकार रहे डॅन फायफर (Dan pfeiffer) इन्होंने बराक ओबामा के साथ बिताए खुछ हसीन लम्हों का जिक्र अपनी किताब मे किया है । जब वे शादी करना चाहते थे तो उन्हे बराक ओबामा ने यह तिन सवाल पुछे, इतने बड़े आदमी की बातों को नजरअंदाज करना मुश्किल था । बराक ओबामा अच्छे राजनेता तो है ही साथ मे वह अच्छे पिता और साथ ही साथ एक बढ़िया पती भी है । आइए जानते है वह कोनसी तीन बाते है जो हर इंसान को समझनी चाहिए । 


1. तुम उस व्यक्ति के साथ सहजता महसुस कर सकते हो क्या ?

जब हम किसी एक व्यक्ति के साथ अपना सारा जीवन गुजारने वाले होते है तो हम उसका अच्छी तरह से ख्याल रख सकते है क्या ? हम उसकी हर छोटी-मोटी बातो को अच्छे से ख्याल दे सकते है क्या ? उसके अच्छे-बुरे वक्त मे उसका साथ देना आपको पसंद है क्या ?

2. आप उसके साथ दिल खोलकर हस सतके है क्या ?

जब आपका होने वाला पार्टनर आपके साथ होता है आप कैसा महसूस करते है ? आप उसके साथ दिल खोलकर हस सतके है कि नही ? अगर किसी रिश्ते की शुरुआत अच्छी होनी है तो शुरुआत चुटकुलो से करे, आपके पार्टनर को लगे की आप थोडे बहोत रोमांटिक है ।

3. वह व्यक्ति एक बेहतर रूप से अपनी जिम्मेदारी निभा सकती है क्या ? 

जब आप पुरी तरिके से ध्यान देंगे तो बस इतना काफी नही कि आप एक-दूसरे के साथ वक्त बिताना अच्छा लगता हो, आगे लाइफ मे जो बड़ी चुनौतीया आयेंगी उसे आप फेस कर सकते हो या नही ? जब जिम्मेदारीयां बढ़ जाती हो तो इन्सान बहोत परेशान हो जाता है ।

यह तीन प्रश्न उस इन्सान ने आपसे पुछे है जिसका दबदबा पुरे दुनिया मे है । जिसके सामने बात करने को अच्छे अच्छे लोग तरसते है ।

 

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Thursday, July 5, 2018

जानिए भय्युजी महाराज के बारे मे सबकुछ

जानिए भय्यूजी महाराज के बारे मे कुछ अनसुनी बाते

So hajee

स्रोत से पढ़ें


भय्यूजी महाराज को ऐसा देश मे कोई नही होगा जो जानता नही होगा । जितनी उनकी देश मे पहचान थी उतने ही ज्यादे भक्त । आज उनके चाहने वालों को विश्वास नही हो रहा है, जो संत उनको गलत कामो से रोकता था, किसानो को आत्महत्या से रोकते था वह आज अपने ही जिंदगी से हार कैसे मान बैठा ?

मरने चंद घंटे पहले उन्होंने किसानो के समस्याओ को फेसबुक पर उजागर किया था । उन्होंने कहा था,

हमारी सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था कृषि पर ही निर्भर है | आज देश को अनेक हिस्सों में जल की पर्याप्त सुविधाएँ नहीं हैं | इसका कृषि पर सीधा प्रभाव पड़ रहा है | भूमि के गिरते जल स्तर के कारण गांवों के कुएं-बावड़ियाँ व नहरें सूखने की स्थिति में हैं ।

भय्यूजी महाराज के मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र मे हजारो अनुयायी है और साथ मे ही कई बडे राजनेताओ के साथ ही उनकी फिल्म इंडस्ट्री अनेक अनुयायी थे ।  मध्यप्रदेश सरकार ने उन्हे मंत्री पद का दर्जा दिया था लेकिन, अध्यात्म के क्षेत्र मे काम करने वाले लोंगो को किसी भी पद जरूरत नही रहती यह कहकर उन्होंने पद स्वीकार करने से इन्कार किया था । 

कैसे हुयी मृत्यु ?

आध्यात्मिक संत भय्यूजी महाराज जी ने इंदौर मे अपने खुद के घर मे खुद को गोली मार कर आत्महत्या कर ली  । साथ मे उनका सुसाइड नोट भी मिला ईसमें उन्होंने कहा है कि वह अपने मानसिक तनाव के कारण ऐसा किया है और अपने मौत का जिम्मेदार उन्होंने किसी को भी नही बताया है । अपने खुद के लायसेंस रिवॉल्वर से ही उन्होंने आत्महत्या की ।

जिवन परिचय 

राष्ट्रसंत भय्यूजी महाराज का जन्म मध्यप्रदेश के शाजापुर मे 29 एप्रेल 1968 मे हुआ था । उनका पुरा नाम उदयसिंग विश्वासराव देशमुख था । उनके पिता विश्वासराव देशमुख महाराष्ट्र काँग्रेस के कद्दावर नेता थे । भय्यूजी महाराज जी ने शुरवाती कुछ दिनों मे सियाराम कपडों के कंपनि के लिए  मॉडलिंग भी की लेकीन, अध्यात्म के तरफ रूझान के वजह से उन्होंने अध्यात्म का स्वीकार किया । लेकिन खुद को कभी भगवान नही कहलवाया । 

अध्यात्मिक जीवन 

उन्होंने सूर्यदेव की उपासना की, नाथ संप्रदाय और भगवान दत्त को अपना गुरु माना । अध्यात्मिक क्षेत्र के साथ उन्होंने सामाजिक क्षेत्र मे भी अपना योगदान दिया । महाराष्ट्र के मराठवाड़े मे पानलोट जैसे महत्वपूर्ण कार्य किए । मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र मे किसानो के मुद्दो को लेकर वह हमेशा चिंतित रहते थे । उनका पर्यावरण संरक्षण मे महत्वपूर्ण योगदान दिया । उन्होंने अपने सूर्योदय संस्थान के माध्यम से धार्मिक स्थल कि सफाई, ग्राम समृध्दि,स्वरोजगार ऐसे अनेक सामाजिक कार्य किए । अपनी गुरुदक्षिणा के तौर पर वह लोंगो को पेड लगाने को कहते थे और अबतक उन्होंने 18 लाख पेड लगाये थे । 

 

 

 

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जानिए कोन है भगवान श्रीराम के वंशज

जानिए कोन है भगवान श्री राम के वंशज

So hajee


करनी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष लोकेन्दर सिंह कालवी ने दावा किया है की वह भगवान राम के वंशज है, इन्होंने पहले महाराणा प्रताप के वंशज होने का भी दावा कीया था । अब ईसपर नई बहस छिड़ सकती है । साथ हीसाथ उन्होंने कृष्ण वंशजो पर भी उंगली उठाई है, राम मंदिर विवाद और भगवान श्री कृष्ण की शादी को लेकर दिये बयान से नया विवाद छिड़ सकता है ।

 असंख्य राजघराने है जो आज भी शाही जिंदगी गुजारते है या जिते है । जयपुर का एक राजघराना है जो दावा करते है की वह भगवान राम के वंशज है ।

जानते है -

भारत मे ऐसी राॅयल फॅमिली है जो भगवान राम के पुत्र कुश के परिवार के वंशज होने का दावा करते है ।


जयपुर के पुर्व महाराज भवानी सिंह । कुछ दिनो पहले ईनके पत्नी महारानी पद्मिनी देवी ने एक अंग्रेजी चैनल को दिए हुए इंटरव्यू मे कहा था की उनके पती भवानी सिंह, भगवान राम के पुत्र कुश के 309 वे वंशज है ।


कोन है भवानी सिंह ?

जयपुर के महाराज मानसिंह (द्वितीय) के पुत्र थे- जिन्हे भारत-पाक युद्ध 1971 मे शौर्य सम्मानस्वरूप 1972 मे महावीर चक्र से नवाजा गया । ईनके पास अजिवन ब्रिगेडियर पद बहाल रहा ।  ईनका विवाह महारानी पद्मिनी देवी से 1967 को हुआ जो राजा राजेन्द्र प्रकाश बहादुर की बेटी थी । इनकी एकमात्र संतान दिया कुमारी भाजपा से विधायक रही है । 

 

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निरव मोदी के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया


पीएनबी घोटाले का मुख्य आरोपी निरव मोदी के खिलाफ इंटरपोल ने भारत के सिफ़ारिश पर निरव मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटीस जारी किया है । साथ मे निरव मोदी के भाई निशाल और सुभाष प्ररब के खिलाफ भी इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है । अब यह तिनो किसी भी एअरपोर्ट पर दिखाई दे तो, तुरंत ही इनकी गिरफ्तारी होगी । इंटरपोल के अंतर्गत कुल 192 देश शामिल है । लेकिन जिस देश मे निरव मोदी को गिरफ्तार किया गया हो उस देश के साथ भारत के संबंध अच्छे होने चाहिए । 


क्या है इंटरपोल ?

इंटरपोल का पुरे नाम ''अंतरराष्ट्रीय अपराधिक पुलिस संस्था'' है । अधिकारिक तौर पर इंटरपोल की स्थापना 1923 मे हुई थी और ईसे 'अंतरराष्ट्रीय अपराध पुलिस आयोग' के नाम से जाना जाता था ।  इस संगठन को 1956 मे इंटरपोल के नाम से जाना जाने लगा ।

 

 

 

 

Wednesday, July 4, 2018

जानिए कोन है दिल्ली का बादशाह


दिल्ली के मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल ईनमेसे दिल्ली का सही मायनो मे बादशहा कोन यह जवाब अब सभी दिल्ली वासियों सहीत पुरे भारतवासीयों को मिल गया है ।

क्या आया फैसला ?

दिल्ली सरकार के मंत्रीमंडल के निर्णयों को रोकने का अधिकार उपराज्यपाल के पास नही है, उपराज्यपाल मंत्रीमंडल को साथ लेकर काम करे ऐसा माननीय सुप्रीम कोर्ट ने कहा है । उपराज्यपाल को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई है, राज्यपाल को स्वतंत्र ऐसी अनुमति नही है की, सरकार को हर बात मे राज्यपाल की परमिशन लेनी पडे साथ मे यह भी कहा गया है की, उपराज्यपाल को कैबिनेट के सलाह से हि काम करना
पडेगा । दिल्ली सरकार अपने योजना की जानकारी उपराज्यपाल को दे, उपराज्यपाल अपना मत रखकर उसे राष्ट्रपति के पास भेज दे, ऐसा ऐतिहासिक निर्णय सुप्रीम कोर्ट ने दिया है ।

एक तरह से केजरीवाल जी के खेमे मे खुशी छाई हुयी है और जैसे ही केजरीवाल सरकार के पक्ष मे यह फैसला हुआ उन्होंने फौरन ट्विट करते हुए अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की ।

क्या था विवाद ?

दिल्ली के पुर्व उपराज्यपाल नजीब जंग के वक्त से ही दिल्ली सरकार और दिल्ली के उपराज्यपाल के बिच अपने अधिकारों को लेकर जंग छिड़ चुखी थी वह आज जाकर कहीं शांत हुई । नवंबर 2017 से ही यह प्रकरण सुप्रीम कोर्ट मे चल रहा था । दिल्ली सरकार का यह कहना था की उपराज्यपाल के तरफ से दिल्ली की राज्य सरकार को काम करने से रोका जा रहा है । कुछ मुद्दों को लेकर गरमा गर्मी दोंनो के बीच चल रही थी, आइये जानते है वह कोनसे मुद्दे  थे ?

शहीद सैनिको के परिवार को 1 करोड की मदत

अगर कोई सैनिक भारतीय लश्कर मे रहते वक्त शहीद होता है या आपातकालीन स्थिति के वक्त उसकी मृत्यु होती है तो उसके परिवार को 1 करोड की मदत देने का निर्णय लिया गया था लेकीन ,  2016 से यह फाईल उपराज्यपाल के पास से मंजूरी नही मिली ऐसा केजरीवाल सरकार का कहना है ।

आयएएस अधिकारियो की नियुक्ति

जो भी प्रशासनिक अधिकारियो कि नियुक्ति को लेकर आप सरकार, उपराज्यपाल से कह रही है उसपर उपराज्यपाल गौर नही कर रहे है ।

सीबीआई जाँच की माँग

2014 मे दवाखानों के देखभाल करने की जिम्मेदारी कुछ कंपनियो को मिली थी, उसमे भ्रष्टाचार को लेकर आप सरकार सीबीआई जाँच करवाना चाहती थी लेकीन, उपराज्यपाल ने उसे इजाजत नही दी ।

ऐसे बहोत से मुद्दो को लेकर दिल्ली की राज्य सरकार उपराज्यपाल से नाराज चल रही थी । नवंबर 2017 से यह प्रकरण सुप्रीम कोर्ट मे चल रहा था । बुधवार को मुख्य न्यायाधीश दिपक मिश्रा, न्या. डी वाय चंद्रचूड, न्या. ए एम खानविलकर, न्या. अशोक भुषण, न्या. ए के सिक्री इनकी बैंच ने यह फैसला सुनाया ।